DCA Assignment Computers in Office 2 Answer in Hindi
DCA Assignment Computers in Office 2
Table of Contents
1. विजार्ड के द्वारा पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन बनाने के चरणों को लिखिए
विज़ार्ड द्वारा PowerPoint प्रेजेंटेशन बनाने के चरण एक सरल प्रक्रिया होती है, जिसमें विज़ार्ड आपको एक-एक करके निर्देशित करता है। हालांकि, नवीनतम संस्करणों में विज़ार्ड फीचर को टेम्पलेट्स और थीम्स द्वारा बदल दिया गया है, लेकिन अगर आप पुराने संस्करण या किसी विज़ार्ड फीचर का उपयोग कर रहे हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
1. PowerPoint खोलें:
सबसे पहले, PowerPoint प्रोग्राम को ओपन करें। यदि आपका PowerPoint पुराना संस्करण है और उसमें विज़ार्ड उपलब्ध है, तो AutoContent Wizard विकल्प को चुनें।
2. AutoContent Wizard चुनें:
PowerPoint के मुख्य मेन्यू में जाएं और File → New चुनें। इसके बाद, AutoContent Wizard विकल्प का चयन करें। यह विकल्प आपको चरण दर चरण प्रेजेंटेशन तैयार करने में मदद करता है।
3. प्रेजेंटेशन प्रकार का चयन करें:
विज़ार्ड की मदद से PowerPoint आपसे यह पूछेगा कि आप किस प्रकार का प्रेजेंटेशन बनाना चाहते हैं। विकल्प निम्नलिखित हो सकते हैं:
- सामान्य (General)
- व्यावसायिक (Business)
- औपचारिक (Formal)
- जानकारीपूर्ण (Informative)
अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रकार चुनें और Next पर क्लिक करें।
4. प्रेजेंटेशन की शैली चुनें:
इसके बाद विज़ार्ड आपको प्रेजेंटेशन की शैली (Style) चुनने का विकल्प देगा। इसमें आप तय कर सकते हैं कि आपका प्रेजेंटेशन किस प्रकार का दिखना चाहिए, जैसे कि गंभीर, रचनात्मक, या औपचारिक।
5. प्रेजेंटेशन के उद्देश्य का चयन करें:
आपसे यह पूछा जाएगा कि आप इस प्रेजेंटेशन का उद्देश्य क्या रखना चाहते हैं, जैसे:
- सूचना देना (Inform)
- समझाना (Explain)
- प्रेरित करना (Motivate)
- बेचने के लिए (Sell)
उद्देश्य के अनुसार विकल्प का चयन करें और Next पर क्लिक करें।
6. ऑडियंस का चयन करें:
आपसे यह भी पूछा जा सकता है कि आपके प्रेजेंटेशन का दर्शक कौन होगा। इसका उद्देश्य है प्रेजेंटेशन की सामग्री और डिजाइन को ऑडियंस के अनुसार अनुकूल बनाना। आप विकल्पों में से चुन सकते हैं जैसे:
- सामान्य ऑडियंस (General Audience)
- तकनीकी विशेषज्ञ (Technical Audience)
7. आउटलाइन देखें:
विज़ार्ड एक प्री-मेड आउटलाइन प्रदान करेगा जो आपकी आवश्यकताओं के अनुसार होती है। यह एक सामान्य रूपरेखा होती है, जिसे आप संपादित कर सकते हैं। इस चरण पर आप चाहें तो आउटलाइन के कुछ स्लाइड्स को जोड़ सकते हैं या हटा सकते हैं।
8. स्लाइड्स के लिए सामग्री जोड़ें:
अब, विज़ार्ड आपको स्लाइड्स के लिए सामग्री (Content) जोड़ने का निर्देश देगा। यहाँ आप अपनी आवश्यकता के अनुसार शीर्षक, मुख्य बिंदु (Bullet Points), और जानकारी भर सकते हैं।
9. प्रेजेंटेशन का डिज़ाइन चुनें:
अब आप अपने प्रेजेंटेशन के लिए डिज़ाइन या थीम चुन सकते हैं। विज़ार्ड आपको कई प्रकार के डिज़ाइन और लेआउट विकल्प प्रदान करेगा। आप चाहें तो कोई पूर्वनिर्धारित डिज़ाइन चुन सकते हैं या अपने अनुसार कोई नया डिज़ाइन बना सकते हैं।
10. प्रेजेंटेशन का पूर्वावलोकन (Preview) करें:
जब आपका प्रेजेंटेशन तैयार हो जाता है, तो विज़ार्ड आपको एक Preview दिखाएगा ताकि आप देख सकें कि आपका प्रेजेंटेशन कैसा दिखेगा। अगर कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है, तो आप वापस जाकर सुधार सकते हैं।
11. प्रेजेंटेशन को सेव करें:
अंत में, प्रेजेंटेशन को सेव करने के लिए विज़ार्ड आपको निर्देश देगा। आप File → Save As विकल्प का चयन करके अपनी फ़ाइल को उपयुक्त नाम से सेव कर सकते हैं।
2. निम्न को समझाइए (a) Handouts (b) Rehearse Time (c) Slide Sorter
(a) Handouts (हैंडआउट्स)
Handouts PowerPoint में एक फीचर है, जिसका उपयोग प्रेजेंटेशन की स्लाइड्स को प्रिंट करके दर्शकों को वितरण करने के लिए किया जाता है। इसमें प्रत्येक स्लाइड की एक या अधिक छवियां होती हैं, और दर्शक इन्हें नोट्स बनाने या संदर्भ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
हैंडआउट्स के प्रमुख उपयोग:
- प्रेजेंटेशन के दौरान ऑडियंस को स्लाइड्स की सामग्री उपलब्ध कराना।
- दर्शकों को नोट्स लेने के लिए स्थान देना।
- प्रेजेंटेशन के बाद समीक्षा और संदर्भ के लिए प्रिंटेड स्लाइड्स का वितरण करना।
हैंडआउट्स कैसे तैयार करें:
- File मेन्यू में जाएं और Print विकल्प चुनें।
- Settings में जाकर Handouts चुनें।
- यहां आप तय कर सकते हैं कि एक पेज पर कितनी स्लाइड्स प्रिंट होनी चाहिए (1, 2, 3, 6, 9 स्लाइड्स प्रति पेज)।
- Print पर क्लिक करें।
उपयोग के उदाहरण:
- किसी मीटिंग या सेमिनार में प्रेजेंटेशन के साथ-साथ स्लाइड्स को हाथों में देने के लिए।
- दर्शकों को प्रेजेंटेशन की सामग्री का प्रिंटेड रिकॉर्ड देने के लिए, ताकि वे प्रेजेंटेशन के बाद भी इसे देख सकें।
(b) Rehearse Timings (रिहर्स टाइमिंग्स)
Rehearse Timings फीचर का उपयोग तब होता है जब आप अपनी प्रेजेंटेशन का अभ्यास (rehearsal) कर रहे होते हैं और स्लाइड्स के बीच में लगने वाले समय को रिकॉर्ड करना चाहते हैं। इससे आपको प्रेजेंटेशन के समय को मापने और स्लाइड्स की ट्रांज़िशनिंग के लिए सही टाइमिंग सेट करने में मदद मिलती है।
Rehearse Timings के प्रमुख उपयोग:
- स्लाइड्स के बीच समय की सही योजना बनाने के लिए।
- प्रेजेंटेशन के दौरान स्वतः स्लाइड्स बदलने के लिए सही टाइमिंग सेट करना।
- Slide Show के साथ प्रेजेंटेशन के पूरे क्रम को नियंत्रित करना।
Rehearse Timings का उपयोग कैसे करें:
- Slide Show टैब पर जाएं।
- Rehearse Timings पर क्लिक करें।
- प्रेजेंटेशन की स्लाइड्स एक-एक करके दिखने लगेंगी। आप तय कर सकते हैं कि किस स्लाइड पर कितनी देर रुकना है।
- टाइमिंग को रिकॉर्ड करने के बाद, PowerPoint स्लाइड शो में उसी क्रम और टाइमिंग का पालन करेगा।
उपयोग के उदाहरण:
- लाइव प्रेजेंटेशन से पहले समय का अभ्यास करने के लिए, ताकि आप जान सकें कि प्रत्येक स्लाइड को कितना समय देना चाहिए।
- कियोस्क मोड या स्वचालित प्रेजेंटेशन के लिए सही टाइमिंग सेट करने के लिए।
(c) Slide Sorter (स्लाइड सॉर्टर)
Slide Sorter PowerPoint का एक व्यू (View) मोड है, जिसमें आप प्रेजेंटेशन की सभी स्लाइड्स को एक छोटे थंबनेल के रूप में देख सकते हैं। इससे आपको अपनी स्लाइड्स को एक क्रम में व्यवस्थित करने, पुनर्व्यवस्थित करने, या हटाने में आसानी होती है।
Slide Sorter के प्रमुख उपयोग:
- पूरी प्रेजेंटेशन का ओवरव्यू प्राप्त करना।
- स्लाइड्स को पुनर्व्यवस्थित (Rearrange) करना।
- स्लाइड्स को जोड़ना या हटाना।
- स्लाइड्स के बीच ट्रांज़िशन या एनिमेशन सेट करना।
Slide Sorter कैसे उपयोग करें:
- View टैब पर जाएं।
- Slide Sorter विकल्प चुनें।
- अब सभी स्लाइड्स छोटे थंबनेल्स के रूप में दिखाई देंगी।
- स्लाइड्स को ड्रैग और ड्रॉप करके आप उनका क्रम बदल सकते हैं।
- स्लाइड्स के बीच में ट्रांज़िशन जोड़ने के लिए स्लाइड्स को चुनें और Transitions टैब पर जाएं।
उपयोग के उदाहरण:
- किसी लंबी प्रेजेंटेशन में स्लाइड्स के क्रम को जल्दी से बदलने के लिए।
- स्लाइड्स को क्रमबद्ध और सही समय के अनुसार व्यवस्थित करने के लिए।
- एक संपूर्ण दृश्य प्राप्त करने के लिए कि प्रेजेंटेशन का समग्र फ्लो कैसा दिखता है।
3. MS Excel में चार्ट क्या है? चार्ट बनाने की विधि को लिखिए
चार्ट MS Excel का एक महत्वपूर्ण फीचर है, जिसका उपयोग डेटा को ग्राफ़िकल रूप में प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। चार्ट डेटा को स्पष्ट, समझने में आसान और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करता है। इसका उपयोग किसी ट्रेंड, तुलना, या पैटर्न को जल्दी से पहचानने के लिए किया जाता है। चार्ट कई प्रकार के होते हैं, जैसे लाइन चार्ट, बार चार्ट, पाई चार्ट, कॉलम चार्ट, आदि।
चार्ट के प्रमुख उपयोग:
- डेटा की तुलना करने के लिए।
- पैटर्न और ट्रेंड को समझने के लिए।
- डेटा का सारांश ग्राफिकल रूप में प्रदर्शित करने के लिए।
- व्यावसायिक रिपोर्टिंग और निर्णय लेने में मदद करने के लिए।
MS Excel में चार्ट बनाने की विधि
MS Excel में चार्ट बनाना आसान है और इसके लिए कुछ आसान चरणों का पालन करना होता है। आइए, एक चार्ट बनाने के लिए चरण-दर-चरण प्रक्रिया को समझते हैं:
1. डेटा तैयार करें:
सबसे पहले, आप जिस डेटा का चार्ट बनाना चाहते हैं, उसे व्यवस्थित करें। डेटा को पंक्तियों और स्तंभों (rows और columns) में स्पष्ट रूप से रखें। सुनिश्चित करें कि आपके पास शीर्षक (headers) हैं, ताकि चार्ट सही लेबल्स के साथ प्रदर्शित हो सके।
2. डेटा को चुनें (Select Data):
चार्ट बनाने के लिए आवश्यक डेटा को सिलेक्ट करें। आप उस डेटा को हाइलाइट करें जिसे आप चार्ट में प्रदर्शित करना चाहते हैं।
3. Insert टैब पर जाएं:
ऊपर स्थित रिबन में Insert टैब पर क्लिक करें। यह वह टैब है जिसमें चार्ट्स से संबंधित सभी विकल्प उपलब्ध होते हैं।
4. चार्ट प्रकार चुनें (Choose Chart Type):
Insert टैब में जाकर, Charts ग्रुप से आपको चार्ट प्रकार चुनना होगा। यहां पर Excel में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के चार्ट्स की सूची दिखाई देगी, जैसे:
- Column Chart (कॉलम चार्ट)
- Line Chart (लाइन चार्ट)
- Pie Chart (पाई चार्ट)
- Bar Chart (बार चार्ट)
- Area Chart (एरिया चार्ट)
- Scatter Chart (स्कैटर चार्ट)
अपने डेटा के अनुसार सही चार्ट प्रकार का चयन करें।
5. चार्ट को Customize करें:
चार्ट डालने के बाद, आप इसे कस्टमाइज़ कर सकते हैं। कस्टमाइज़ेशन में निम्नलिखित कार्य शामिल होते हैं:
- चार्ट टाइटल जोड़ना।
- एक्सिस लेबल्स (X-Axis और Y-Axis) जोड़ना।
- चार्ट के रंग और स्टाइल को बदलना।
- डेटा लेबल्स और लीजेंड्स को जोड़ना या हटाना।
6. चार्ट को फॉर्मेट करें:
आप चार्ट पर क्लिक करके, इसके डिज़ाइन को और बेहतर बना सकते हैं। इसके लिए Chart Tools के तहत Design और Format टैब्स उपलब्ध होते हैं। यहां से आप चार्ट के रंग, शैली (style), लेआउट (layout), और अन्य फॉर्मेटिंग विकल्पों को चुन सकते हैं।
7. चार्ट को स्थानांतरित करें (Move Chart):
यदि आप चाहते हैं कि चार्ट अलग शीट पर प्रदर्शित हो या उसी शीट पर सही स्थान पर हो, तो आप Move Chart विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। यह Chart Tools के Design टैब में उपलब्ध होता है।
8. चार्ट को सेव करें:
अंत में, अपनी Excel शीट को सेव करें। आपका चार्ट तैयार हो चुका है और इसे आप किसी रिपोर्ट या प्रेजेंटेशन में उपयोग कर सकते हैं।
उदाहरण:
यदि आपके पास निम्न डेटा है:
महीना | बिक्री (₹) |
---|---|
जनवरी | 5000 |
फरवरी | 7000 |
मार्च | 6000 |
इस डेटा के लिए यदि आप Column Chart बनाते हैं, तो यह आपको प्रत्येक महीने की बिक्री को एक कॉलम के रूप में दिखाएगा, जिससे आप आसानी से महीनों के बीच बिक्री की तुलना कर सकते हैं।
4. निम्न ऑपरेशन की विधियों को समझाइए
- Slide में Slide Transition को जोड़ना
- Slide में Custom Animation को जोड़ना
PowerPoint में Slide Transition और Custom Animation का उपयोग आपके प्रेजेंटेशन को अधिक आकर्षक और प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है। आइए इन दोनों ऑपरेशन्स को विस्तार से समझते हैं।
1. Slide में Slide Transition को जोड़ना
Slide Transition का उपयोग स्लाइड के बीच संक्रमण (transition) प्रभाव जोड़ने के लिए किया जाता है। यह प्रभाव तब दिखाई देता है जब एक स्लाइड से दूसरी स्लाइड पर जाते हैं।
Slide Transition जोड़ने के चरण:
- Slide Show मोड में जाएं:
- PowerPoint में अपनी प्रेजेंटेशन ओपन करें और उस स्लाइड को चुनें जिसमें आप ट्रांज़िशन जोड़ना चाहते हैं।
- Transitions टैब पर क्लिक करें:
- रिबन में Transitions टैब पर जाएं।
- Transition का चयन करें:
- Transition to This Slide ग्रुप में उपलब्ध विभिन्न ट्रांज़िशन प्रभावों की सूची दिखाई देगी।
- अपनी पसंद का ट्रांज़िशन चुनें, जैसे Fade, Push, Wipe, Split, आदि।
- Transition के लिए सेटिंग्स:
- चयनित ट्रांज़िशन के बाद, आप इसके प्रभाव की गति (Duration) सेट कर सकते हैं।
- यदि आप चाहते हैं कि ट्रांज़िशन ऑटोमेटिकली हो, तो After बॉक्स में टाइम सेट कर सकते हैं।
- Preview देखें:
- Preview बटन पर क्लिक करें ताकि आप देख सकें कि ट्रांज़िशन कैसा दिखता है।
- Apply to All पर क्लिक करें (वैकल्पिक):
- यदि आप सभी स्लाइड्स पर एक ही ट्रांज़िशन लागू करना चाहते हैं, तो Apply To All बटन पर क्लिक करें।
2. Slide में Custom Animation को जोड़ना
Custom Animation का उपयोग स्लाइड पर ऑब्जेक्ट्स को अलग-अलग तरीके से एनिमेट करने के लिए किया जाता है। यह प्रभाव ऑब्जेक्ट्स (जैसे टेक्स्ट, चित्र, या ग्राफिक्स) को स्लाइड पर प्रदर्शित होने के तरीके को नियंत्रित करता है।
Custom Animation जोड़ने के चरण:
- Slide Show मोड में जाएं:
- उस स्लाइड को चुनें जिसमें आप कस्टम एनिमेशन जोड़ना चाहते हैं।
- Animations टैब पर क्लिक करें:
- रिबन में Animations टैब पर जाएं।
- Animation जोड़ें:
- Animation ग्रुप में, आप विभिन्न एनिमेशन प्रभावों की सूची देखेंगे।
- अपनी आवश्यकता के अनुसार एनिमेशन का चयन करें, जैसे Appear, Fade, Fly In, Zoom, आदि।
- Animation Pane खोलें:
- एनिमेशन को और बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए, Animation Pane पर क्लिक करें। यह एक पैनल खोलेगा जहां आप सभी एनिमेशन को देख और संपादित कर सकते हैं।
- Animation का क्रम निर्धारित करें:
- यदि आपके पास एक से अधिक एनिमेशन हैं, तो आप उन्हें Animation Pane में ड्रैग करके क्रम को बदल सकते हैं।
- Timing सेट करें:
- एनिमेशन प्रभाव के लिए समय और गति (Duration) सेट करें। आप यह भी तय कर सकते हैं कि एनिमेशन ऑटोमेटिक शुरू होगा या जब आप क्लिक करेंगे।
- Preview देखें:
- Preview बटन पर क्लिक करें ताकि आप देख सकें कि एनिमेशन कैसे काम कर रहा है।
- Multiple Animations जोड़ें:
- यदि आप किसी ऑब्जेक्ट पर एक से अधिक एनिमेशन जोड़ना चाहते हैं, तो उस ऑब्जेक्ट को चुनें और फिर एनिमेशन जोड़ने के लिए चरण 3 से शुरू करें।
उदाहरण:
- Slide Transition: जब आप एक स्लाइड से दूसरी स्लाइड पर जाते हैं और उसमें Fade ट्रांज़िशन का चयन करते हैं, तो अगली स्लाइड का प्रभाव धीरे-धीरे दिखाई देगा, जिससे प्रेजेंटेशन में एक नरम संक्रमण होगा।
- Custom Animation: मान लें कि आपके पास एक स्लाइड में टेक्स्ट है, और आप इसे Fly In एनिमेशन के साथ जोड़ना चाहते हैं। आप इसे सेट कर सकते हैं कि टेक्स्ट पहले ऊपर से आएगा और फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर बाएं दिखाई देगा। इससे आपके दर्शकों का ध्यान आकर्षित होगा।
5. Outlook Express क्या है? इसके एप्लीकेशन को समझाइए
Outlook Express एक ई-मेल क्लाइंट सॉफ्टवेयर है जिसे Microsoft द्वारा विकसित किया गया है। यह Microsoft Windows के विभिन्न संस्करणों में शामिल होता था और ई-मेल, न्यूज़ग्रुप और कैलेंडर प्रबंधन के लिए एक साधारण और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस प्रदान करता था। Outlook Express का उपयोग मुख्य रूप से व्यक्तिगत और छोटे व्यवसाय उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता था।
Outlook Express की विशेषताएँ:
- ई-मेल प्रबंधन:
- Outlook Express उपयोगकर्ताओं को ई-मेल भेजने, प्राप्त करने और संगठित करने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें ई-मेल फोल्डर्स बनाने, ई-मेल को श्रेणीबद्ध करने और एकत्रित करने की क्षमता होती है।
- न्यूज़ग्रुप्स:
- यह न्यूज़ग्रुप्स में सम्मिलित होने और न्यूज़ग्रुप संदेशों को पढ़ने की अनुमति देता है, जिससे उपयोगकर्ता विभिन्न विषयों पर चर्चा कर सकते हैं।
- कैलेंडर और कार्य प्रबंधन:
- Outlook Express में कैलेंडर का विकल्प भी होता है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी योजनाओं को प्रबंधित कर सकते हैं और कार्यों को निर्धारित कर सकते हैं।
- स्पैम फ़िल्टरिंग:
- Outlook Express में एक अंतर्निहित स्पैम फ़िल्टरिंग प्रणाली होती है, जो अवांछित ई-मेल को पहचानने और हटाने में मदद करती है।
- सुरक्षा विशेषताएँ:
- यह सॉफ्टवेयर सुरक्षा प्रोटोकॉल का समर्थन करता है, जैसे कि SSL (Secure Socket Layer) और TLS (Transport Layer Security), ताकि ई-मेल संचार सुरक्षित रहे।
- सिंक्रनाइज़ेशन:
- Outlook Express का उपयोग Microsoft Exchange सर्वर के साथ किया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ता अपने ई-मेल, संपर्कों और कैलेंडर को एकीकृत कर सकते हैं।
Outlook Express के एप्लिकेशन:
- व्यक्तिगत उपयोग:
- व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए ई-मेल भेजने और प्राप्त करने, दोस्तों और परिवार के साथ संवाद करने के लिए।
- छोटे व्यवसाय:
- छोटे व्यवसायों के लिए यह एक सस्ता और उपयोग में आसान समाधान है, जो ई-मेल प्रबंधन और कस्टमर कम्युनिकेशन को सरल बनाता है।
- शिक्षण संस्थान:
- शिक्षकों और छात्रों के लिए, यह एक उपयोगी टूल है, जिससे वे ई-मेल, नोट्स और अनुसूचियों का प्रबंधन कर सकते हैं।
- सूचना साझा करना:
- समूहों या टीमों में संवाद करने और जानकारी साझा करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है, खासकर जब अन्य ई-मेल क्लाइंट्स उपलब्ध न हों।
- दस्तावेज़ संलग्नक:
- उपयोगकर्ता ई-मेल के साथ दस्तावेज़ और फाइलें संलग्न कर सकते हैं, जिससे कार्यों और सूचनाओं को साझा करना आसान हो जाता है।