PGDCA Assignment Tally 10 Answer in Hindi awesome
PGDCA Assignment Tally
Table of Contents
1. Financial Statement क्या है?
Financial Statement एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो किसी व्यवसाय के आर्थिक प्रदर्शन और स्थिति को संक्षिप्त रूप में दर्शाता है। यह मुख्य रूप से तीन प्रमुख रिपोर्ट्स में बांटा जाता है:
- Balance Sheet (बैलेंस शीट):
- संपत्तियाँ (Assets):
- वर्तमान संपत्तियाँ (Current Assets): ये वे संपत्तियाँ हैं जो एक वर्ष के भीतर नकद में परिवर्तित की जा सकती हैं, जैसे नकद, खातों में बकाया, इन्वेंटरी आदि।
- स्थायी संपत्तियाँ (Non-Current Assets): ये वे संपत्तियाँ हैं जिनका उपयोग व्यवसाय की लंबी अवधि के लिए किया जाता है, जैसे भूमि, भवन, मशीनरी आदि।
- देनदारियाँ (Liabilities):
- वर्तमान देनदारियाँ (Current Liabilities): ये वे दायित्व हैं जिन्हें एक वर्ष के भीतर चुकाना होता है, जैसे व्यापारिक ऋण, क्रेडिटर्स।
- स्थायी देनदारियाँ (Long-Term Liabilities): ये वे दायित्व हैं जिन्हें चुकाने में अधिक समय लगता है, जैसे दीर्घकालिक ऋण।
- शेयरधारकों की इक्विटी (Shareholders’ Equity): यह निवेशकों का योगदान होता है और इसमें शेयर पूंजी, रिटेन्ड अर्निंग्स, और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं।
- संपत्तियाँ (Assets):
- Profit and Loss Account (प्रॉफिट और लॉस खाता):
- कुल आय (Total Revenue): यह बिक्री से प्राप्त कुल आय है, जिसमें सेवा से आय और अन्य वित्तीय आय भी शामिल होती है।
- कुल खर्च (Total Expenses):
- प्रत्यक्ष खर्च (Direct Expenses): ये खर्च वे हैं जो सीधे उत्पादन से संबंधित हैं, जैसे कच्चा माल, श्रम लागत।
- परोक्ष खर्च (Indirect Expenses): ये सामान्य व्यय हैं जैसे प्रशासनिक खर्च, विपणन खर्च, इत्यादि।
- शुद्ध लाभ/हानि (Net Profit or Loss): यह कुल आय में से कुल खर्च घटाने पर प्राप्त राशि है। यदि यह राशि सकारात्मक है, तो लाभ है, अन्यथा हानि।
- Cash Flow Statement (कैश फ्लो स्टेटमेंट):
- परिचालन गतिविधियाँ (Operating Activities): इसमें दैनिक व्यापारिक गतिविधियों से होने वाले नकद प्रवाह को दर्शाया जाता है।
- निवेश गतिविधियाँ (Investing Activities): इसमें उन गतिविधियों का नकद प्रवाह होता है जो स्थायी संपत्तियों की खरीद और बिक्री से संबंधित हैं।
- वित्तीय गतिविधियाँ (Financing Activities): इसमें उन नकद प्रवाह को दर्शाया जाता है जो ऋण, शेयर पूंजी, और लाभांश भुगतान से संबंधित होते हैं।
2. Data Directory क्या है?
Data Directory वह स्थान है जहाँ Tally में सभी कंपनियों का डेटा, रिपोर्ट्स, और संबंधित फाइलें संग्रहीत होती हैं। इसके कार्य इस प्रकार हैं:
- कंपनी डेटा (Company Data): यह मुख्य डेटा फाइल होती है, जिसमें सभी लेन-देन, वाउचर, और मास्टर डेटा (जैसे ग्राहक, विक्रेता, वस्त्र) शामिल होते हैं।
- पार्श्व सूचना (Backup Data): बैकअप में सभी महत्वपूर्ण डेटा की एक सुरक्षित कॉपी होती है, जिसे किसी भी आकस्मिकता के मामले में पुनर्प्राप्त किया जा सकता है।
- फोल्डर संरचना (Folder Structure): Tally Data Directory में प्रत्येक कंपनी का डेटा अलग-अलग फोल्डर में व्यवस्थित होता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को आवश्यक जानकारी को ढूंढने में सुविधा होती है। यह भी सुनिश्चित करता है कि डेटा की संगठित संरचना बनी रहे।
3. Tally Screen Components के बारे में लिखिए।
Tally की स्क्रीन में विभिन्न घटक होते हैं जो उपयोगकर्ताओं के लिए डेटा इनपुट और रिपोर्ट देखने की प्रक्रिया को सरल बनाते हैं:
- Gateway of Tally: यह Tally का प्रारंभिक पृष्ठ है जहाँ से उपयोगकर्ता विभिन्न विकल्पों और कार्यों को एक्सेस कर सकते हैं। यहाँ से कंपनी खोलना, नई कंपनी बनाना, और रिपोर्ट्स देखना संभव है।
- Menu Bar: यह मुख्य स्क्रीन के शीर्ष पर होता है, जिसमें विभिन्न मेन्यू होते हैं:
- Masters: यहाँ मास्टर डेटा जैसे खातों, ग्राहक, विक्रेता आदि को प्रबंधित किया जाता है।
- Transactions: यहाँ विभिन्न लेन-देन, जैसे बिक्री, खरीद, और अन्य वाउचर दर्ज किए जाते हैं।
- Reports: यहाँ से विभिन्न वित्तीय रिपोर्ट्स, जैसे Profit & Loss, Balance Sheet, और Cash Flow Statement देखी जा सकती हैं।
- Button Panel: यह मुख्य स्क्रीन के नीचे होता है और इसमें विभिन्न कार्यों के लिए बटन होते हैं, जैसे Save, Print, और Exit।
- Message Area: यह स्क्रीन का वह हिस्सा है जहाँ महत्वपूर्ण सूचना, चेतावनियाँ, और त्रुटि संदेश प्रदर्शित होते हैं।
- Status Bar: यह स्क्रीन के नीचे स्थित होता है और वर्तमान कंपनी का नाम, समय, और तारीख की जानकारी प्रदर्शित करता है। इससे उपयोगकर्ता को यह जानकारी मिलती है कि वे किस कंपनी में काम कर रहे हैं।
- Data Area: यह वह क्षेत्र है जहाँ उपयोगकर्ता डेटा इनपुट करता है या रिपोर्ट्स प्रदर्शित होती हैं। इसमें विभिन्न फील्ड्स होते हैं जहाँ जानकारी दर्ज की जाती है।
4. Tally में New Company कैसे बनाया जाता है?
Tally में नई कंपनी बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- Tally खोलें: अपने कंप्यूटर पर Tally सॉफ़्टवेयर को लॉन्च करें।
- Create Company विकल्प चुनें: मुख्य पृष्ठ पर “Create Company” विकल्प पर क्लिक करें।
- जानकारी भरें: आवश्यक विवरण भरें:
- कंपनी का नाम: स्पष्ट और विशिष्ट नाम दर्ज करें।
- पता: कंपनी का पंजीकृत पता दर्ज करें।
- पैन नंबर: यदि उपलब्ध है, तो पैन नंबर दर्ज करें।
- वित्तीय वर्ष का प्रारंभिक तारीख: उस तारीख का चयन करें जब कंपनी का वित्तीय वर्ष शुरू होता है।
- नकद/क्रेडिट चेन: यदि कंपनी नकद या क्रेडिट बिक्री करती है, तो सही विकल्प चुनें।
- बैंक विवरण और अन्य सेटिंग्स: आवश्यक बैंक विवरण भरें, जैसे बैंक का नाम, खाता संख्या, और यदि आवश्यक हो तो संबंधित टैक्स विवरण भी।
- Save करें: सभी जानकारी भरने के बाद, “Save” पर क्लिक करें। कंपनी की फाइल बनाई जाएगी और आप अब उस कंपनी में कार्य करना शुरू कर सकते हैं।
5. Profit और Loss को संक्षिप्त में लिखिए।
Profit and Loss Account (P&L) एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज है जो व्यापार के वित्तीय प्रदर्शन को एक विशेष अवधि में दर्शाता है। इसमें मुख्यत: निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- Total Revenue (कुल आय): यह व्यापार द्वारा अर्जित सभी आय का योग होता है। यह राशि बिक्री, सेवाओं, और अन्य वित्तीय स्रोतों से आती है।
- Total Expenses (कुल खर्च):
- प्रत्यक्ष खर्च (Direct Expenses): ये वे खर्च हैं जो सीधे उत्पादन से जुड़े होते हैं, जैसे कच्चा माल, श्रमिक लागत आदि।
- परोक्ष खर्च (Indirect Expenses): ये सामान्य व्यय होते हैं जैसे प्रशासनिक खर्च, विपणन खर्च, ऑफिस का किराया आदि।
- Net Profit (शुद्ध लाभ): यह कुल आय में से कुल खर्च घटाने पर प्राप्त राशि होती है। यदि यह राशि सकारात्मक है, तो यह लाभ कहलाता है। यदि यह राशि नकारात्मक है, तो इसे हानि कहा जाता है।
- उदाहरण: यदि कुल आय 1,00,000 रुपये है और कुल खर्च 80,000 रुपये है, तो शुद्ध लाभ 20,000 रुपये होगा।
6. Foreign Currency को Indian Rupees में कैसे Convert करते हैं?
Foreign Currency को Indian Rupees में परिवर्तित करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- विनिमय दर प्राप्त करें: संबंधित विदेशी मुद्रा के लिए वर्तमान विनिमय दर जानें। यह दर वित्तीय संस्थानों या ऑनलाइन वित्तीय वेबसाइटों पर उपलब्ध होती है।
- उदाहरण: यदि 1 USD = 75 INR है।
- मुद्रा की मात्रा: उस विदेशी मुद्रा की मात्रा निर्धारित करें जिसे आप रूपांतरित करना चाहते हैं।
- उदाहरण: मान लीजिए आप 100 USD को INR में बदलना चाहते हैं।
- गुणा करें: मुद्रा की मात्रा को प्राप्त विनिमय दर से गुणा करें।
- गणना: 100 USD × 75 INR/USD = 7500 INR।
- रूपांतरित राशि: यह अंतिम राशि है जिसे आप भारतीय रुपये में प्राप्त करते हैं।
- इस प्रकार, 100 USD का मूल्य 7500 INR होगा।
7. Interest क्या है? Interest Report कैसे बनाते हैं?
Interest किसी धन की मात्रा पर समय के अनुसार दी जाने वाली राशि होती है। यह आमतौर पर दो प्रकार का होता है:
- Simple Interest (सरल ब्याज):
- यह मूलधन पर समय के आधार पर ब्याज है। इसका सूत्र है: Simple Interest=P×R×T100\text{Simple Interest} = \frac{P \times R \times T}{100}Simple Interest=100P×R×T जहाँ PPP = मूलधन, RRR = ब्याज दर, TTT = समय।
- Compound Interest (संयुक्त ब्याज):
- यह ब्याज पर ब्याज होता है, जो समय के साथ बढ़ता है। इसका सूत्र है: A=P(1+R100)TA = P \left(1 + \frac{R}{100}\right)^TA=P(1+100R)T जहाँ AAA = भविष्य की मूल्य, PPP = मूलधन, RRR = ब्याज दर, TTT = समय।
Interest Report बनाने की प्रक्रिया:
- Tally खोलें: Tally सॉफ़्टवेयर को प्रारंभ करें।
- रिपोर्ट्स विकल्प चुनें: मुख्य मेन्यू में जाएँ और “Reports” पर क्लिक करें।
- Interest Report चुनें: “Interest” या “Interest Calculation” विकल्प चुनें।
- तारीख और खाता विवरण भरें: संबंधित अवधि और खाता जानकारी भरें। सुनिश्चित करें कि सभी विवरण सही हैं।
- जनरेट करें: “Display” या “Generate” पर क्लिक करें। रिपोर्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी, जिसमें ब्याज की गणना और संबंधित विवरण होंगे।
8. निम्न को समझाइए:
(a) Receipt Voucher:
- यह एक वित्तीय दस्तावेज है जो दर्शाता है कि किसी व्यवसाय ने किसी ग्राहक से राशि प्राप्त की है।
- इसमें शामिल होते हैं:
- ग्राहक का नाम
- प्राप्त राशि
- भुगतान का तरीका (जैसे नकद, चेक)
- तारीख
- उदाहरण: यदि आप एक ग्राहक से 10,000 रुपये की राशि प्राप्त करते हैं, तो आप एक Receipt Voucher बनाएंगे, जो इस लेन-देन को प्रमाणित करेगा।
(b) Journal/Contra:
- Journal: यह एक वित्तीय रिकॉर्ड है जहाँ सभी लेन-देन को तिथि के अनुसार क्रमबद्ध तरीके से दर्ज किया जाता है। इसमें लेन-देन का विवरण, खातों के नाम, और राशि होती है।
- Contra Voucher: यह विशेष रूप से बैंक खाते में धन का अंतरण दर्शाता है, जैसे कि एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में धन का हस्तांतरण।
- उदाहरण: यदि आप अपने कैश खाते से बैंक खाते में 5,000 रुपये डालते हैं, तो यह Contra Voucher होगा।
(c) Debit/Credit Note:
- Debit Note: यह एक दस्तावेज है जो विक्रेता को सूचित करता है कि ग्राहक ने खरीद पर वापसी की है या मूल्य में कमी की है। यह विक्रेता के लिए एक रिवर्स इनवॉइस होता है।
- Credit Note: यह विक्रेता द्वारा ग्राहक को दी गई छूट या वापसी की जानकारी देने वाला दस्तावेज है।
- उदाहरण: यदि आपने किसी उत्पाद को लौटाया है, तो विक्रेता आपको एक Debit Note देगा, जबकि वह आपकी ओर से एक Credit Note भी जारी कर सकता है।
9. Bank Reconciliation को समझाइए। Bank Reconciliation Configuration के प्रोसेस को लिखिए।
Bank Reconciliation एक प्रक्रिया है जिसमें व्यवसाय के बैंक खाते के रिकॉर्ड और बैंक द्वारा भेजे गए स्टेटमेंट की तुलना की जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि दोनों रिकॉर्ड में कोई भिन्नता नहीं है और किसी भी प्रकार की विसंगति की पहचान की जा सके।
Bank Reconciliation Configuration के प्रोसेस:
- Tally में बैंक खाते का चयन करें: Tally में उस कंपनी के खाते को चुनें जिसके लिए आप बैंक सामंजस्य स्थापित करना चाहते हैं।
- Bank Reconciliation विकल्प चुनें: मुख्य मेन्यू में “Banking” सेक्शन के अंतर्गत “Bank Reconciliation” विकल्प पर क्लिक करें।
- बैंक स्टेटमेंट डेटा दर्ज करें:
- स्टेटमेंट से संबंधित तारीखें, लेन-देन और राशि दर्ज करें।
- सभी लेन-देन की तुलना करें और सुनिश्चित करें कि Tally में सभी आवश्यक विवरण सही हैं।
- भिन्नताओं की पहचान करें:
- यदि किसी लेन-देन का रिकॉर्ड Tally में नहीं है, तो उसे दर्ज करें।
- आवश्यकतानुसार सही करें और समायोजन करें।
- सत्यापन करें: सभी विवरणों को चेक करें और सुनिश्चित करें कि दोनों रिकॉर्ड मेल खा रहे हैं।
- Save करें: सभी जानकारी और समायोजन के बाद, रिपोर्ट को सहेजें।
10. निम्न को समझाइए:
(a) Security Control:
- Tally में सुरक्षा नियंत्रण का उद्देश्य डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखना है।
- इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- उपयोगकर्ता प्रबंधन (User Management): यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्ता ही डेटा को एक्सेस कर सकें।
- पासवर्ड सुरक्षा (Password Protection): प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए एक अद्वितीय पासवर्ड होना चाहिए ताकि केवल संबंधित व्यक्ति ही डेटा देख सके।
- उपयोगकर्ता अधिकार (User Rights): विभिन्न उपयोगकर्ताओं को विभिन्न स्तरों की पहुँच दी जा सकती है, जैसे केवल डेटा देखने की अनुमति या संपादन की अनुमति।
(b) Backup and Restore:
- Backup: यह प्रक्रिया डेटा की एक सुरक्षित कॉपी बनाने की होती है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में डेटा को खोने से बचाया जा सके।
- Tally में, आप “Backup” विकल्प का उपयोग करके डेटा को एक सुरक्षित स्थान पर सहेज सकते हैं, जैसे USB ड्राइव या किसी नेटवर्क ड्राइव पर।
- Restore: यह प्रक्रिया बैकअप की गई कॉपी को पुनः प्राप्त करने के लिए होती है।
- यह तब उपयोगी होता है जब डेटा को नुकसान होता है या गलती से हटा दिया जाता है। उपयोगकर्ता को “Restore” विकल्प पर जाकर आवश्यक बैकअप फाइल को चुनना होता है।
(c) Tally Audit:
- Tally Audit एक प्रक्रिया है जो कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड की समीक्षा और परीक्षण करती है।
- इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लेन-देन सही और मानक के अनुरूप दर्ज किए गए हैं।
- यह प्रक्रिया किसी भी विसंगति, गलती, या धोखाधड़ी को पहचानने में मदद करती है और यह आंतरिक या बाहरी ऑडिटर द्वारा की जा सकती है।
- Tally में, ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिए विशेष फंक्शन उपलब्ध होते हैं जो सभी लेन-देन को चेक करते हैं और असंगतियों को उजागर करते हैं।